गेंद-बल्ला


प्रस्तुत कहानी गेंद और बल्ले की है। गेंद ने बल्ले से कहा कि तुम मुझे क्यों मारते हो? बल्ले ने उत्तर दिया कि यदि मैं तुम्हें मारूंगा नहीं तो खेल कैसे होगा? फिर जब गेंद बल्ले के पास आई तो उसने जोर से उसे मारा। गेंद कूदती फुदकती दूर जाकर एक झाड़ी में छिप गई। बल्ला गेंद को ढूंढता रहा, किंतु गेंद नहीं मिली। शाम हो गई। बल्ले को परेशान देखकर गेंद खुश हो रही थी। जब अँधेरा घिरने लगा तो बल्ला निराश होकर लौटने लगा। तभी झाड़ी से गेंद ने चिल्लाकर कहा कि मैं यहाँ हूँ। बल्ले ने झाड़ी से खींचकर गेंद को उठा लिया। गेंद ने बल्ले से कहा कि अब मुझे मत मारना।

शब्दार्थ : बल्ला-गेंद मारने का लकड़ी का चपटा डंडा। फुदकना-उछल-कूद करना।


Question


Online Quizz


MS Word
  • No of Question : 50 Question
  • Exam Duration : 40 Minutes
  • Full Marks : 100
  • Price : ₹5
MS Excel
  • No of Question : 50 Question
  • Exam Duration : 50 Minutes
  • Full Marks : 100
  • Price : ₹5
MS PowerPoint
  • No of Question : 35 Question
  • Exam Duration : 30 Minutes
  • Full Marks : 100
  • Price : ₹5