तीन वर्ग
तीन वर्ग : यूरोप में फ्रांसिसी समाज मुख्यत: तीन वर्गों में विभाजित था जो निम्नलिखित है -
(i) पादरी वर्ग - इस वर्ग में चर्च के पोप आदि सम्मिलित थे |
(ii) अभिजात वर्ग - इस वर्ग में सामंत, जमींदार, और धनी व्यापारी वर्ग शामिल थे |
(iii) कृषक वर्ग - इस वर्ग में किसान और मजदुर आदि शामिल थे |
1. पादरी वर्ग :
सामंतवाद : सामंतवाद एक तरह से कृषि उत्पादन को दर्शाता है जो सामंतों और कृषकों के संबंधों पर आधारित है | कृषक लार्ड को श्रम सेवा प्रदान करते थे और बदले में लार्ड उन्हें सैनिक सुरक्षा देते थे | सामंतवाद शब्द जर्मन शब्द फ्यूड से बना है | फ्यूड का अर्थ है - भूमि का टुकड़ा |
यूरोपीय इतिहास के जानकारी के स्रोत : यूरोपीय इतिहास कि जानकारी हमें निम्न स्रोतों से प्राप्त होती हैं |
(i) भू-स्वामियों के विवरण, मूल्यों और विधि के मुकदमों के दस्तावेज जैसे कि चर्च में मिलने वाले जन्म, मृत्यु और विवाह के आलेख आदि |
(ii) चर्च से प्राप्त अभिलेखों में व्यापारिक संस्थाओं और गीत और कहानियों द्वारा |
(iii) त्योहारों और सामुदायिक गतिविधियों द्वारा |
फ़्रांसिसी विद्वान मार्क ब्लॉक : फ्रांसिसी विद्वान मार्क ब्लॉक ने सर्वप्रथम सामंतवाद पर काम करने वाले पहले विद्वान थे | जिन्होंने भूगोल के महत्व पर आधारित मानव इतिहास को गढ़ने पर जोर दिया | जिससे कि लोगों के व्यवहार और रुख को समझा जा सके |
पादरियों व बिशपों द्वारा ईसाई समाज का मार्गदर्शन : ये प्रथम वर्ग के सदस्य थे जो चर्च में धर्मोपदेश, अत्यधिक धार्मिक व्यक्ति जो चर्च के बाहर धार्मिक समुदायों में रहते थे भिक्षु कहलाते थे | ये भिक्षु मठों पर रहते थे और निश्चित नियमों का पालन करते थे | इनके पास राजा द्वारा दी गई भूमियाँ थी, जिनसे वे कर उगाह सकते थे | अधिकतर गाँव में उनके अपने चर्च होते थे जहाँ वे प्रत्येक रविवार को लोग पादरी के धर्मोपदेश सुनने तथा सामूहिक प्रार्थना करने के लिए इक्कठा होते थे |
पादरियों और बिशपों की विशेषताएँ :
(i) इनके पास राजा द्वारा दी गई भूमियाँ थी, जिनसे वे कर उगाह सकते थे |
(ii) रविवार के दिन ये लोग गाँव में धर्मोपदेश देते थे और सामूहिक प्रार्थना करते थे |
(iii) ये फ़्रांसिसी समाज के प्रथम वर्ग में शामिल थे इन्हें विशेषाधिकार प्राप्त था |
(iv) टाईथ नमक धार्मिक कर भी वसूलते थे |
(v) जो पुरुष पादरी बनते थे वे शादी नहीं कर सकते थे |
(vi) धर्म के क्षेत्र में विशप अभिजात माने जाते थे और इनके पास भी लार्ड की तरह विस्तृत जागीरें थी |
भिक्षु और मठ : चर्च के आलावा कुछ विशेष श्रद्धालु ईसाइयों की एक दूसरी तरह की संस्था थी | जो मठों पर रहते थे और एकांत जीवन व्यतीत करते थे | ये मठ मनुष्य की आम आबादी से बहुत दूर हुआ करती थी |
दो सबसे अधिक प्रसिद्ध मठों के नाम :
(i) 529 में इटली में स्थापित सेंट बेनेडिक्ट मठ |
(ii) 910 में बरगंडी में स्थापित क्लूनी मठ |
भिक्षुओं की विशेषताएँ :
(i) ये मठों में रहते थे |
(ii) इन्हें निश्चित और विशेष नियमों का पालन करना होता था |
(iii) ये आम आबादी से बहुत दूर रहते थे |
(iv) भिक्षु अपना सारा जीवन ऑबे में रहने और समय प्रार्थना करने, अध्ययन और कृषि जैसे शारीरिक श्रम में लगाने का व्रत लेता था।
(v) पादरी-कार्य के विपरीत भिक्षु की जिंदगी पुरुष और स्त्रिायाँ दोनों ही अपना सकते थे - ऐसे पुरुषों को मोंक (Monk) तथा स्त्रियाँ नन (Nun) कहलाती थी |
(vi) पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग ऑबे थे। पादरियों की तरह, भिक्षु और भिक्षुणियाँ भी विवाह नहीं कर सकती थे।
(vii) वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूम-घूम कर लोगों को उपदेश देते और दान से अपनी जीविका चलाते थे।
फ़्रांसिसी समाज में मठों का योगदान :
(i) मठों कि संख्या सैकड़ों में बढ़ने से ये एक समुदाय बन गए जिसमें बड़ी इमारतें और भू-जागीरों के साथ-साथ स्कूल या कॉलेज और अस्पताल बनाए गए |
(ii) इन समुदायों ने कला के विकास में योगदान दिया |
(iii) आबेस हिल्डेगार्ड एक प्रतिभाशाली संगीतज्ञ था जिसने चर्च की प्रार्थनाओं में सामुदायिक गायन की प्रथा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया |
(iv) तेरहवीं सदी से भिक्षुओं के कुछ समूह जिन्हें फ्रायर (friars) कहते थे उन्होंने मठों में न रहने का निर्णय लिया।
2. अभिजात वर्ग :
यूरोप के सामाजिक प्रक्रिया में अभिजात वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका थी | ऐसे महत्वपूर्ण संसाधन भूमि पर उनके नियंत्रण के कारण था | यह वैसलेज (Vassalage) नामक एक प्रथा के विकास के कारण हुआ था | बड़े भू-स्वामी और अभिजात वर्ग राजा के आधीन होते थे जबकि कृषक भू-स्वामियों के अधीन होते थे। अभिजात वर्ग राजा को अपना स्वामी मान लेता था और वे आपस में वचनबद्ध होते थे- सेन्योर/लॉर्ड (लॉर्ड एक ऐसे शब्द से निकला जिसका अर्थ था रोटी देने वाला) दास (Vassal) की रक्षा करता था और बदले में वह उसके प्रति निष्ठावान रहता था। इन संबंधों में व्यापक रीति-रिवाजों और शपथ लेकर की जाती थी |
अभिजात वर्ग की विशेषताएँ :
(i) अभिजात वर्ग की एक विशेष हैसियत थी। उनका अपनी संपदा पर स्थायी तौर पर पूर्ण नियंत्राण था। (ii) वह अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा सकते थे उनके पास अपनी सामंती सेना थी।
(iii) वे अपना स्वयं का न्यायालय लगा सकते थे |
(iv) यहाँ तक कि अपनी मुद्रा भी प्रचलित कर सकते थे।
(v) वे अपनी भूमि पर बसे सभी व्यक्तियों के मालिक थे।
मेनर : सामंतों (लार्ड) के घर मेनर कहलाता था |
मेनर की जागीर : लॉर्ड का अपना मेनर-भवन होता था। वह गाँवों पर नियंत्रण रखता था - कुछ लॉर्ड, अनेक गाँवों के मालिक थे। किसी छोटे मेनर की जागीर में दर्जन भर और बड़ी जागीर में 50 या 60 परिवार हो सकते थे। प्रतिदिन के उपभोग की प्रत्येक वस्तु जागीर पर मिलती थी - अनाज खेतों में उगाये जाते थे, लोहार और बढ़ई लॉर्ड के औजारों की देखभाल और हथियारों की मरम्मत करते थे, जबकि राजमिस्त्री उनकी इमारतों की देखभाल करते थे। औरतें वस्त्र कातती एवं बुनती थीं और बच्चे लॉर्ड की मदिरा सम्पीडक में कार्य करते थे। जागीरों में विस्तृत अरण्यभूमि और वन होते थे जहाँ लॉर्ड शिकार करते थे। उनके यहाँ चरागाह होते थे जहाँ उनके पशु और घोड़े चरते थे। वहाँ पर एक चर्च और सुरक्षा के लिए एक दुर्ग होता था।
मेनर आत्मनिर्भर नहीं थे क्योंकि -
मेनरों में आवश्यकता की सभी चीजें उपलब्ध होती थी परन्तु उसके बाद भी वे आत्मनिर्भर नहीं थे क्योंकि -
(i) उन्हें नमक, चक्की का पाट और धातु के के बर्तन बाहर के स्रोतों से प्राप्त करने पड़ते थे।
(ii) ऐसे लॉर्ड जो विलासी जीवन बिताना चाहते थे और मँहगे साजो-सामान, वाद्य यंत्र और आभूषण खरीदना चाहते थे जो स्थानीय जगहों पर उपलब्ध् नहीं होते थे, ऐसी चीजों को इन्हें दूसरे स्थानों से प्राप्त करना पड़ता था।
नाइट : कुशल अश्वसैनिकों को नाइट्स कहा जाता था |
नौवीं सदी में प्राय: युद्ध होते रहते थे जिससे इस नए वर्ग को बढ़ावा दिया गया | ये बहुत ही कुशल घुड़सवार सैनिक थे | जो लार्ड के लिए युद्ध लड़ा करते थे |
नाइट्स की विशेषताएँ :
(i) नाइट्स लॉर्ड से उसी प्रकार सम्बद्ध थे जिस प्रकार लॉर्ड राजा से सम्बद्ध था।
(ii) लार्ड्स नाइट्स की रक्षा करने का वचन देता था |
(iii) नाइट और उसवेफ परिवार के लिए एक पनचक्की और मदिरा संपीडक के अतिरिक्त, उसके व उसके परिवार के लिए घर, चर्च और उस पर निर्भर व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था शामिल थी।
(iv) नाइट अपने लॉर्ड को एक निश्चित रकम देता था और युद्ध में उसकी तरफ से लड़ने का वचन देता था।
(v) अपनी सैन्य योग्यताओं को बनाए रखने के लिए, नाइट प्रतिदिन अपना समय बाड़ बनाने/घेराबंदी करने और पुतलों से रणकौशल एवं अपने बचाव का अभ्यास करने में निकालते थे।
(vi) नाइट अपनी सेवाएँ अन्य लॉर्डों को भी दे सकता था पर उसकी सर्वप्रथम निष्ठा अपने लॉर्ड के लिए ही होती थी।
3. कृषक वर्ग :
यह वर्ग किसान, स्वतंत्र और बंधकों (दासों) का वर्ग था | यह वर्ग एक विशाल समूह था जो पहले दो वर्गों पादरी और अभिजात वर्ग का भरण पोषण करता था |
काश्तकार दो प्रकार के होते थे -
(i) स्वतंत्र किसान
(ii) सर्फ़ (कृषि दास)
स्वतंत्र कृषकों की भूमिका :
(i) स्वतंत्र कृषक अपनी भूमि को लॉर्ड के काश्तकार के रुप में देखते थे।
(ii) पुरुषों का सैनिक सेवा में योगदान आवश्यक होता था (वर्ष में कम से कम चालीस दिन)।
(iii) कृषकों के परिवारों को लॉर्ड की जागीरों पर जाकर काम करने के लिए सप्ताह के तीन या उससे अधिक कुछ दिन निश्चित करने पड़ते थे। इस श्रम से होने वाला उत्पादन जिसे ‘श्रम-अधिशेष’ (Labour rent) कहते थे,सीधे लार्ड के पास जाता था।
(iv) इसके अतिरिक्त, उनसे अन्य श्रम कार्य जैसे- गढ्ढे खोदना, जलाने के लिए लकडि़याँ इक्कठी करना, बाड़ बनाना और सड़कें व इमारतों की मरम्मत करने की भी उम्मीद की जाती थी और इनके लिए उन्हें कोई मज़दूरी नहीं मिलती थी।
(v) खेतों में मदद करने के अतिरिक्त, स्त्रियों व बच्चों को अन्य कार्य भी करने पड़ते थे। वे सूत कातते, कपड़ा बुनते, मोमबत्ती बनाते और लॉर्ड के उपयोग हेतु अंगूरों से रस निकाल कर मदिरा तैयार करते थे।
टैली (Taille) : राजा द्वारा कृषकों पर लगाये जाने वाले प्रत्यक्ष कर को टैली (Taille) कहा जाता था |
श्रम-अधिशेष : कृषकों के परिवारों को लॉर्ड की जागीरों पर जाकर काम करने के लिए सप्ताह के तीन या उससे अधिक कुछ दिन निश्चित करने पड़ते थे। इस श्रम से होने वाला उत्पादन जिसे ‘श्रम-अधिशेष’ (Labour rent) कहते थे, सीधे लार्ड के पास जाता था।
कृषि दास : वे कृषक जो लार्ड के स्वामित्व में ही कार्य कर सकते थे कृषि दास कहलाते थे |
Question
Question 1 : माइक्रोस्कोप की खोज किस वर्ष हुई?
1. 1590 में
2. 1560 में
3. 1570 में
4. 1561 में
Answer
Correct Anaswer : 1
Explanation:
1590 में
1190
Question 2 : सौर-परिवार सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया?
1. गैलीलियो
2. कोपरनिकस
3. जचारियास
4. जेन्सन
Answer
Correct Anaswer : 2
Explanation:
कोपरनिकस
1191
Question 3 : चीन में मिंग राजवंश कब स्थापित हुआ?
1. 1373 में
2. 1378 में
3. 1383 में
4. 1368 में
Answer
Correct Anaswer : 4
Explanation:
1368 में
1192
Question 4 : रूस में आधुनिकीकरण किसने किया?
1. सनयात् सेन ने
2. च्यांग काई शेक ने
3. पीटर महान् ने
4. अल्हम्वा ने
Answer
Correct Anaswer : 3
Explanation:
पीटर महान् ने
1193
Question 5 : कॉफी का यूरोप में पहली गर प्रयोग किस वर्ष हुआ?
1. 1520 में
2. 1517 में
3. 1521 में
4. 1570 में
Answer
Correct Anaswer : 2
Explanation:
1517 में
1194